Success Story: प्लास्टिक के कचरे से नोटों बारिश, ऐसे हो रही है बंपर कमाई

Success Story: प्लास्टिक का चलन पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ा है। भारत भी इस मामले में पीछे नहीं है। प्लास्टिक जीवन के लिए हानिकारक माना जाता है। इसबीच प्लास्टिक से ही एक शख्स ने कमाई के लिए एक नई खिड़की खोल दी है। जिस प्लास्टिक को हम फेंक देते हैं। वो प्लास्टिक इस शख्स के लिए सोना से कम नहीं है।

Jitendra Singh
अपडेटेड7 Oct 2025, 06:16 AM IST
Success Story: प्लास्टिक के कचरे से दिल्ली का एक शख्स करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा है।
Success Story: प्लास्टिक के कचरे से दिल्ली का एक शख्स करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा है। (HT)

Success Story: प्लास्टिक का इस्तेमाल दिनों दिन तेजी से बढ़ रहा है। पानी की बोतल या फिर कोल्ड ड्रिंक, हर चीज प्लास्टिक में आने लगी है। कुल मिलाकर आम लोगों की जिंदगी में प्लास्टिक ने धीरे अपनी जगह बना ली है। ऐसे में घरों से बहुत ज्यादा प्लास्टिक कचरा निकलने लगा है। इसको रिसाइकिल करना भी बेहद जरूरी है। जिस प्लास्टिक को हम कचरा समझ कर फेंक देते हैं। दिल्ली के एक शख्स के लिए यह प्लास्टिक कचरा सोने से कम नहीं है। दरअसल दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद सुहैल ने प्लास्टिक के कचरे को निपटाने के लिए एक नई तरकीब निकाली। यह नया उपाय सुहैल के लिए एक बड़ा बिजनेस बन गया है। इस बिजनेस का सालाना टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है।

न्यूज 18 में छपी खबर के मुताबिक, सुहैल ने साल 2019 में प्लास्टिक को रिसाइकल करने के लिए अथर पैकेजिंग सॉल्यूशंस की स्थापना की थी। ये वो दौर था, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वजह से घरों के भीतर कैद होने के मजबूर थी। दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन लगा हुआ था। भारत में भी लॉकडाउन लगा था। इसी समय सुहैल को घर के बाहर बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का कचरा देखने को मिला। फिर वहीं से उन्हें इस प्लास्टिक के कचरे को रिसाइकिल का आइडिया आया।

सालाना 1.5 करोड़ है सालान टर्नओवर

न्यूज 18 से बातचीत करते हुए मोहम्मद सुहैल ने बताया कि वो अपनी कंपनी में अब तक 300 टन प्लास्टिक रिसाइकल कर चुके हैं। मौजूदा समय में कंपनी का टर्नओवर 1.5 करोड़ है। उनका पैकेजिंग प्रोडक्ट 60 से ज्यादा शहरों में 700 डीलर्स को डिलीवर किया जाता है। सुहैल ने बताया कि हम सबसे पहले ये पहचान करते हैं कि किस प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जा सकता है। इसके बाद बड़ी फैक्ट्रियों से प्लास्टिक वेस्ट को सैरीगेट कर उठाते हैं। फिर अपनी फैक्ट्री में लेकर उसे अच्छी तरह से काटते हैं। उसे एक नया आकार देने की कोशिश की जाती है। उसके कलर को पूरी तरह से मिटाया जाता है। इस नए प्रोडक्ट को दूसरे देशों ओर शहरों में बिक्री के लिए भेजते हैं।

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बनाए गए प्रोडक्ट का भी होता है रिसाइकिल

सुहैल ने बताया कि उनकी फैक्ट्री से बने प्रोडक्ट को भी रिसाइकिल करके नया प्रोडक्ट बनाया जा सकता है। सुहैल का कहना है कि वो अपनी कंपनी की दुनिया की बड़ी कंपनी बनाना चाहते हैं। इसके लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।

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प्लास्टिक कचरा से बनेगा पेट्रोल और डीजल

भारत में अब प्लास्टिक के कचरे पेट्रोल-डीजल भी बनाने का काम शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत पेटरसन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत फैक्ट्रियों और घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को पिघलाकर पेट्रोल, डीजल और कार्बन में बदला जा रहा है। प्लास्टिक से प्लांट में लोडन सिटी ऑयल और हाई डेंसिटी ऑयल तैयार किया जाता है। प्लांट से निकलने वाले ऑयल को ट्रैक्टर, जनरेटर, इंजन के काम में इस्तेमाल किया जाता है।

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