
Success Story: कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए उम्र और समय की जरूरत नहीं होती है। बस एक सही आइडिया और बेहतर रणनीति की जरूरत होती है। महाराष्ट्र के जलगांव की वंदना प्रभाकर पाटिल ने भी कुछ ऐसा ही किया। वंदना ने 45 साल की उम्र में एक छोटे से गांव में सब्ज़ी पाउडर बनाने की कंपनी की शुरुआत की। इस कंपनी के ज़रिए, वंदना ने आर्थिक तंगी की मार झेल रहे किसानों को बचाया। इसके साथ ही कई महिलाओं को रोजगार भी दिया। आज उनकी कंपनी बंपर कमाई कर रही है। उनकी कंपनी के बनाए गए विदेश भी धाक जमा रहे हैं।
महाराष्ट्र टाइम्स (मटा) में छपी खबर के मुताबिक, वंदना पाटिल ने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की। उनके पास 5 एकड़ जमीन है। शुरुआती दौर में वंदना अपने खेतों में सब्जियां उगाती थी। सब्जियों के दाम गिर जाने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता था। ऐसे में वंदना सब्जियां तो उगा रहीं थी, लेकिन नुकसान से बचने के लिए अन्य उपाय की तलाश में थीं। तभी उन्हें पता चला कि सब्जियों के पाउडर की भी बिक्री होती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि सब्जियों का पाउडर कैसे बनाया जाए। बस इसी सवाल ने वंदना को बिजनेस की दुनिया में उतार दिया।
साल 2021 में वंदना ने ममुराबाद (जलगांव) के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) का दौरा किया। वहां उन्होंने सब्जी और फल सुखाने की ट्रेनिंग ली। उन्हें पता चला कि सोलर डिहाइड्रेशन से उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ती है, वजन कम होता है और पोषक तत्व भी सुरक्षित रहते हैं। साथ ही यह तकनीक किसानों को कम दामों पर अपनी उपज बेचने से भी बचा सकती है। वंदना को अब आइडिया हो गया कि सब्जियों को सुखाकर कई तरह से बिक्री की जा सकती है।
वंदना ने पलासखेड़ा के छोटे से गाँव में सब्जियों का पाउडर बनाने की कंपनी शुरू की। इसके लिए उन्होंने सरकार की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना से 6.5 लाख रुपये का लोन लेकर अपना काम शुरू किया। ऋण लेकर इस परियोजना की शुरुआत की गई है। नवंबर 2022 तक उनकी यूनिट पूरी तरह से चालू हो गई। वंदना ने कुछ महिलाओं को साथ लेकर गायत्री फूड्स नाम से यह कारोबार शुरू किया। उनकी कंपनी सूखी सब्जियां या पाउडर के रूप में बेचती है। इनमें मुख्य रूप से प्याज, टमाटर, चुकंदर, मेथी, पालक, धनिया, करी पत्ता, अदरक, केले के पत्ते जैसी तमाम चीजें शामिल हैं।
यह यूनिट पॉलीकार्बोनेट शीट से बने टनलनुमा ढांचे का इस्तेमाल करती है, जो सूर्य की रोशनी से ग्रीनहाउस जैसा असर पैदा करता है। गरम हवा ट्रे पर रखी सब्जियों को सुखाती है और दूसरी ओर लगे एग्जॉस्ट पंखे नमी को बाहर निकालते हैं। यह प्रक्रिया सब्जियों का प्राकृतिक रंग और गुणवत्ता बनाए रखती है। वंदना की यूनिट में मोरिंगा, करी पत्ते, चुकंदर, टमाटर, प्याज और नींबू सुखाकर पाउडर व फ्लेक्स बनाए जाते हैं, जो ब्रेकफास्ट फूड्स ब्रांड नाम से बेचे जाते हैं।
वंदना ने बताया कि पूरी तरह से प्राकृतिक होने के कारण, वेजिटेबल पाउडर कैंसर, किडनी रोग, एसिडिटी, डायबिटीज, स्किन आदि कई बीमारियों में कारगर है। जलगांव, पुणे, नासिक, मुंबई, अहमदनगर सहित राज्य भर के कई जिलों में उनके उत्पादों की माँग दिनों दिन बढ़ती जा रही है। उनका टर्नओवर हर महीने औसतन दो लाख रुपये से ज्यादा है। वंदना का ब्रांड गायत्री फूड्स पहले से ही देशभर में सप्लाई कर रहा है और अमेरिका, कनाडा और मालदीव जैसे देशों में भी उत्पादों की बिक्री हो रही है।