
Tata Trusts Directors Meeting Today: देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रीयल ग्रुप टाटा ग्रुप ( Tata Group) को कंट्रोल करने वाली संस्था टाटा ट्रस्ट्स के डायरेक्टरों की आज बैठक होने वाली है। यह मीटिंग ऐसे समय हो रही है, जब ट्रस्ट के अंदर सत्ता और नियुक्तियों को लेकर विवाद चल रहा है। टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स है। इसमें ग्रुप की 66 प्रतिशत की बड़ी हिस्सेदारी है। ऐसे में इस बैठक के नतीजे न केवल टाटा ग्रुप, बल्कि शेयर बाजार और टाटा के निवेशकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
सामने आई जानकारी के मुताबिक, आज की बैठक में मुख्य रूप से नियमित और गैर-विवादित मुद्दों पर विचार किया जाएगा। इसमें हेल्थ सर्विसेज से जुड़े फंडिंग प्रस्ताव और चल रहे परोपकारी कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रशासनिक और शासन से जुड़े अहम फैसलों को फिर से पुष्टि करने पर ध्यान देंगे। दरअसल, बीते कुछ दिनों से टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टीज के बीच कुछ विवाद की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे ग्रुप की स्थिरता पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। ऐसे में इस मीटिंग के जरिए एकजुटता और स्थिरता का संदेश देने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि बीते दिनों टाटा ट्रस्ट्स के कुछ ट्रस्टियों ने मिलकर पूर्व भारतीय रक्षा सचिव विजय सिंह को टाटा सन्स के बोर्ड से एक नॉमिनी के तौर पर हटा दिया था, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। इसके अलावा, डायरेक्टर वेणु श्रीनिवासन को भी हटाने का प्रयास किया गया। ये दोनों लोग नोएल टाटा के करीबी माने जाते हैं। हालांकि, उच्च सरकारी अधिकारियों के दखल के बाद दोनों पक्षों ने अस्थायी रूप से शांति बनाए रखने पर सहमति जताई है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने टाटा ग्रुप की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया था।
इसी बीच, रतन टाटा की ऑटोबायोग्रीफी लिखने वाले लेखक थॉमस मैथ्यू का भी बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट को टटा परिवार का सदस्य ही चलाए, ताकि फाउंडर्स की तरफ से तय लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सके। मैथ्यू ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि टाटा ट्रस्ट्स में मौजूदा विवाद महज ‘छोटी मतभिन्नता’ है जो हर संक्रमणकाल में होती है। इसका समूह पर कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
मैथ्यू ने कहा, ‘मेरी राय में टाटा ट्रस्ट्स का प्रमुख हमेशा टाटा परिवार का ही व्यक्ति होना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है क्योंकि यह ट्रस्ट उन्हीं के नाम पर है और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए ही बना है।’उन्होंने कहा आगे, ‘इस तरह के छोटे विवाद समय-समय पर आते रहते हैं लेकिन टाटा समूह इतना बड़ा और मजबूत है कि ये सब ‘साइड शो’ मात्र हैं।’
हालांकि, मैथ्यू ने यह भी माना कि कि इस बार मतभेदों को पब्लिक नहीं होना चाहिए था। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह मामला बिना किसी बड़ी समस्या के सुलझ जाएगा। बता दें कि ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में लगभग 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसके जरिए वह 180 अरब डॉलर से अधिक वैल्यू वाले ग्रुप पर निर्णायक प्रभाव रखता है। रतन टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के सवाल पर मैथ्यू ने कहा कि ‘मौजूदा चेयरमैन चंद्रशेखरन पूरी तरह टाटा समूह और खासकर रतन टाटा के आदर्शों को लेकर समर्पित हैं।’