ईरान-इजरायल तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान के तीन सबसे बड़े न्यूक्लियर ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया है। अमेरिका ने ईरान पर किए इस हमले को 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' नाम दिया। इस ऑपरेशन में अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान जैसे अहम ठिकानों को निशाना बनाया।
अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर चलाया गया। उन्होंने कहा, ‘ये मिशन साहसिक और शानदार था, और इससे दुनिया को ये मैसेज गया कि अमेरिका की ताकत वापस आ चुकी है। जब ये राष्ट्रपति बोलता है, दुनिया सुनती है।’
पेंटागन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयरफोर्स जनरल डैन कैन और हेगसेथ ने बताया कि ऑपरेशन पूरी तरह से योजना के मुताबिक चला। ईरान की ओर से किसी भी तरह की फायरिंग या विरोध नहीं हुआ।
जनरल डैन कैन ने कहा, 'हम अब तक किसी भी अमेरिकी विमान पर गोली चलने की जानकारी से अनजान हैं। ऑपरेशन का मकसद सिर्फ न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाना था, ईरानी सैनिकों या नागरिकों को नहीं।'
जनरल कैन के मुताबिक, इस ऑपरेशन में अमेरिका ने 75 प्रिसिशन-गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया, जिनमें से 14 बम GBU-57 बंकर बस्टर बम थे। ये बम खास तौर से जमीन के भीतर छिपे ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाए जाते हैं।
जनरल कैन ने कहा, ‘अभी फाइनल डैमेज रिपोर्ट आने में समय लगेगा, लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार ईरान के तीनों ठिकानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है।’
ईरान ने हमले की पुष्टि की है, लेकिन उसके अधिकारियों का दावा है कि देश को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार तीनों साइट्स को बेहद गंभीर नुकसान पहुंचा है।