Pahalgam Attack News: न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने कवरेज में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को उग्रवादी हमला बताया। इसको लेकर अमेरिकी कांग्रेस की विदेश मामलों की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स को कड़ी फटकार लगाई है। समिति के सदस्यों ने अखबार पर आरोप लगाया कि उसने इस जघन्य हमले को ‘सामान्य घटना’ की तरह प्रस्तुत किया, जबकि यह स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला था।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला है।
न्यूयॉर्क टाइम्स' ने 22 अप्रैल को 'कश्मीर में उग्रवादियों ने 24 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी' शीर्षक के साथ रिपोर्ट प्रकाशित की। शीर्षक में आतंकवादी (टेररिस्ट) की जगह उग्रवादी (मिलिटेंट) शब्द का उपयोग किया गया। जिससे अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों में नाराजगी फैल गई। उनका कहना है कि इस तरह की रिपोर्टिंग आतंकवाद की गंभीरता को कम करके दिखाती है और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बाधा उत्पन्न करती है।
भारत सरकार ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ बताया और दोषियों को सख्त सजा देने का आश्वासन दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के पीड़ितों से मुलाकात की और घटना स्थल का दौरा किया। इस हमले के बाद से भारत में सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की राजकीय यात्रा पर थे। पहलगाम हमले हमले की निंदा करते हुए वेंस ने भारत के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।
पहलगाम हमला एक बार फिर से वैश्विक मीडिया की भूमिका और आतंकवाद के प्रति उसकी संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करता है। अमेरिकी कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मीडिया की जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है।