उत्तराखंड: मां चली गई, लेकिन ममता छोड़ गई… मृत महिला के हाथों में मिले जुड़वा बच्चों ने सबको रुला दिया

कुंतरी लगा गांव में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, जिससे कई लोग बेघर हो गए। हाल ही में मृतकों में एक मां और उसके दो जुड़वां बेटों की लाश मिली है, जिसे देखकर हर कोई गमगीन हो गया…

Anuj Shrivastava( विद इनपुट्स फ्रॉम भाषा)
अपडेटेड20 Sep 2025, 07:33 AM IST
मां तो मां होती है
मां तो मां होती है

Uttarakhand Flood Tragedy: चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में आपदाग्रस्त कुंतरी लगा फाली गांव में हजारों टन मलबे में दबे कुंवर सिंह के मकान के भीतर शुक्रवार दोपहर जब बचावकर्मी पहुंचे तो यह दृश्य देखकर विचलित हो उठे कि उनकी पत्नी कांता देवी (38) एक भारी वस्तु के नीचे दबी हुई थीं और उन्होंने अपने एक-एक हाथ में 10 साल के अपने दोनों जुड़वा बेटों - विकास और विशाल को पकड़ रखा था। ये मार्मिक दृश्य बता रहा था कि मां ने बृहस्पतिवार तड़के भारी बारिश के कारण आई आपदा में दम तोड़ने से पहले अपने बच्चों और खुद को बचाने के लिए आखिरी क्षण तक कितनी जद्दोजहद की होगी।

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचावकर्मियों द्वारा 32 घंटों तक बड़ी सावधानी से बाढ़ के मलबे में दबी आरसीसी की छतों को कटर मशीनों से काट कर अंदर घुसने का रास्ता बनाया गया था जिसके बाद करीब एक बजे इन तीनों की मौजूदगी का पता चला था। इसके बाद बचावकर्मियों ने तीनों शवों को जैसे ही मलबे से बाहर निकाला, वहां का माहौल गमगीन हो गया।

यह भी पढ़ें | गाय खरीदकर बन गए करोड़पति, ऐसे शुरू हुआ कमाई का सफर

नंदानगर में मिली 5 लाश

चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित आपदाग्रस्त नंदानगर क्षेत्र में शुक्रवार को बरामद हुए पांच शवों में ये तीन भी शामिल हैं।बृहस्पतिवार को गांव के ऊपर की पहाड़ी से अचानक आयी बाढ ने कुंतरी लगा फाली तथा आसपास के करीब आधा दर्जन स्थानों को तहस-नहस कर दिया।स्थानीय नगर पंचायत की अध्यक्ष देवेश्वरी देवी ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से पूरा क्षेत्र आपदाग्रस्त है। उन्होंने कहा कि आपदाओं से बचने के लिए हम सरकारी एवं गैर-सरकारी स्तर पर अभियान चलाएंगे तथा लोगों की संपत्ति की रक्षा के साथ ही उनके पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

सब जगह फैला है मलबा

यह गांव नंदानगर से बांजबगड़ जाने वाली सड़क पर स्थित है और इस सड़क पर ही नंदानगर और बांजबगड़ के बीच चार जगहों पर बाढ़ ने अपना कहर बरपाया। नंदानगर से आगे इन‌ स्थानों पर सड़क पर टनों मलबा फैला हुआ है और आवागमन ठप है।नंदानगर से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित साउ-टनोला की अनुसूचित जाति की बस्ती के आठ परिवार भी आपदा से बेघर हो चुके हैं।यहां से आधा किलोमीटर की दूरी पर कुंतरी लगा फाली है जहां हादसे में पांच लोगों की जान चली गई हैं और कई लोग घायल है। गांव में अधिकतर घर नष्ट हो चुके हैं।

यह भी पढ़ें | अमेरिका में नौकरी का सपना हुआ महंगा, ट्रंप सरकार ने बढ़ा दी H-1B वीजा की फीस

कई मकान हो गए नष्ट

वहीं, कुंतरी लगा सरपाणीं गांव में पहाड़ की चोटी से आयी बाढ़ के कारण कई मकान नष्ट हो गए। एक घर के मलबे में दबकर पति-पत्नी की जान चली गयी।यहां से एक किलोमीटर आगे घिघराण बस्ती है जहां बहने वाले एक बरसाती नाले के कारण बस्ती खतरे में है।सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर दिलबर सिंह रावत ने कहा कि इस तरह की घटना की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि उनका गांव सुरक्षित स्थान पर माना जाता था क्योंकि चुफलागाढ़ नदी काफी नीचे बहती है और पहाड़ की चोटी से बाढ़ आने का अंदाजा किसी को नहीं था।

रावत की पत्नी भी हादसे का शिकार हो गयीं। हादसे को याद करते हुए रावत रूआंसे हो जाते हैं और कहते हैं कि मेरी आंखों के सामने मेरी पत्नी मलबे में चले गई और मैं कुछ नहीं कर सका।अपनी बेटी के साथ रह रही विधवा संगीता देवी ने कुछ साल पहले मजदूरी करके कुंतरी लगा फाली में मकान बनाया था लेकिन हादसे ने उनका घर बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि दो-चार पशुओं और खेती बाड़ी कर अपना जीवनयापन कर रही थीं लेकिन एक रात में ही सब कुछ छिन्न भिन्न हो गया। उन्होंने कहा कि बेटी स्कूल में है जबकि आजीविका के साधन बाढ़ में खत्म हो गए।

Catch all the Business News, Market News, Breaking News Events and Latest News Updates on Live Mint. Download The Mint News App to get Daily Market Updates.

बिजनेस न्यूज़ट्रेंड्सउत्तराखंड: मां चली गई, लेकिन ममता छोड़ गई… मृत महिला के हाथों में मिले जुड़वा बच्चों ने सबको रुला दिया
More
बिजनेस न्यूज़ट्रेंड्सउत्तराखंड: मां चली गई, लेकिन ममता छोड़ गई… मृत महिला के हाथों में मिले जुड़वा बच्चों ने सबको रुला दिया